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Album / Film : रामायण चौपाई Ramayan Chaupai
Song Title : रामायण चौपाई Ramayan Chaupai
Duration : 01:05:34
Size : 60.00 MB
File Format: MP3
Bit Rate : 128 KB

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Lyrics

परीक्षा में सफलता के लिए रामायण चौपाई | Ramayan Chaupai for the success of the examination

जेहि पर कृपा करहिं जनुजानी।

कवि उर अजिर नचावहिं बानी।।

मोरि सुधारहिं सो सब भांती।

जासु कृपा नहिं कृपा अघाती।।

लक्ष्मी प्राप्ति के लिए रामायण चौपाई | Ramayan Chaupai for attaining Lakshmi

जिमि सरिता सागर मंहु जाही।

जद्यपि ताहि कामना नाहीं।।

तिमि सुख संपत्ति बिनहि बोलाएं।

धर्मशील पहिं जहि सुभाएं।।

रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति के लिये रामायण चौपाई | Ramayan Chaupai for the achievement of riddhi-siddhi

साधक नाम जपहिं लय लाएं।

होहि सिद्धि अनिमादिक पाएं।।

ramcharitmanas hindi

प्रेम वृद्धि के लिए रामायण चौपाई | Ramayan Chaupai for love growth

सब नर करहिं परस्पर प्रीती।

चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीती।।

धन-संपत्ति की प्राप्ति के लिए रामायण चौपाई | Ramayan Chaupai for the acquisition of wealth

जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।

सुख सम्पत्ति नानाविधि पावहिंII

सुख प्राप्ति के लिए रामायण चौपाई

सुनहि विमुक्त बिरत अरू विबई।

लहहि भगति गति संपति नई।।

विद्या प्राप्ति के लिए रामचरितमानस चौपाईRamcharitmanas Chaupani for education

गुरु ग्रह गए पढ़न रघुराई।

अलपकाल विद्या सब आई।।

शास्त्रार्थ में विजय पाने के लिए रामायण चौपाईRamayan Chaupai to win the scriptures

तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा।

आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।।

ज्ञान प्राप्ति के लिए रामचरितमानस चौपाईRamayan Chaupai for acquiring knowledge

तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा।

आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।।

ram chaupai

विपत्ति में सफलता के लिए रामायण चौपाईRamayan Chaupai for the success of the tragedy

राजिव नयन धरैधनु सायक।

भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।।

पुत्र प्राप्ति के लिए रामायण चौपाई | Ramayan Chaupai for getting son

प्रेम मगन कौशल्या निसिदिन जात जान।

सुत सनेह बस माता बाल चरित कर गान।।

दरिद्रता दूर करने के लिए रामचरितमानस चौपाईRamayan Chaupai to remove poverty

अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के

कामद धन दारिद्र दवारिके।।

अकाल मृत्यु से बचने के लिए रामचरितमानस चौपाईRamayan Chaupai To prevent premature death

नाम पाहरू दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट।

लोचन निज पद जंत्रित प्रान केहि बात।।

रोगों से बचने के लिएRamayan Chaupai To avoid diseases

दैहिक दैविक भौतिक तापा।

राम काज नहिं काहुहिं व्यापा।।

जहर को खत्म करने के लिएRamayan Chaupai To eliminate poison

नाम प्रभाऊ जान सिव नीको।

कालकूट फलु दीन्ह अमी को।।

खोई हुई वास्तु वापस पाने के लिएRamayan Chaupai To get back the lost Vaastu

गई बहारे गरीब नेवाजू।

सरल सबल साहिब रघुराजू।।

शत्रु को मित्र बनाने के लिएRamayan Chaupai To make an enemy friend

वयरू कर काहू सन कोई।

रामप्रताप विषमता खोई।।

भूत प्रेत के डर को भगाने के लिएRamayan Chaupai To exterminate the ghosts of the ghosts

प्रनवउ पवन कुमार खल बन पावक ग्यान धुन।

जासु हृदय आगार बसहि राम सर चाप घर।।

ईश्वर से माफ़ी मांगने के लिएRamayan Chaupai To apologize to God

अनुचित बहुत कहेउं अग्याता।

छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।।

सफल यात्रा के लिएRamayan Chaupai For a successful journey

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा।

हृदय राखि कौशलपुर राजा।।

वर्षा की कामना की पूर्ति के लिएRamayan Chaupai To fulfill the wishes of the rain

सोइ जल अनल अनिल संघाता।

होइ जलद जग जीवनदाता।।

मुकदमा में विजय पाने के लिएRamayan Chaupai To win a lawsuit

पवन तनय बल पवन समानाI

बुधि विवके बिग्यान निधाना।।

प्रसिद्धि पाने के लिएRamayan Chaupai To get fame

साधक नाम जपहिं लय लाएं।

होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।।

विवाह के लिएRamayan Chaupai For marriage

तब जनक पाइ बसिष्ठ आयसु ब्याह साज संवारि कै।

मांडवी श्रुतिकीरित उरमिला कुंअरि लई हंकारि कै।।

विपत्ति-नाश के लिए | Ramayan Chaupai For disaster-destruction

राजीव नयन धरें धनु सायक।

भगत बिपति भंजन सुखदायक।।

संकट-नाश के लिएRamayan Chaupai For crisis-destruction

जौं प्रभु दीन दयालु कहावा।

आरति हरन बेद जसु गावा।।

जपहिं नामु जन आरत भारी।

मिटहिं कुसंकट होहिं सुखारी।।

दीन दयाल बिरिदु संभारी।

हरहु नाथ मम संकट भारी।।

कठिन क्लेश नाश के लिए  | Ramayan Chaupai For the destruction of hardship

हरन कठिन कलि कलुष कलेसू।

महामोह निसि दलन दिनेसू॥

विघ्न शांति के लिए  | Ramayan Chaupai For the disturbance of peace

सकल विघ्न व्यापहिं नहिं तेही।

राम सुकृपाँ बिलोकहिं जेही॥

खेद नाश के लिएRamayan Chaupai for destruction of sorrow

जब तें राम ब्याहि घर आए।

नित नव मंगल मोद बधाए॥

चिंता की समाप्ति के लिएRamayan Chaupai For the end of anxiety

जय रघुवंश बनज बन भानू।

गहन दनुज कुल दहन कृशानू॥

रोग तथा उपद्रवों की शांति के लिएRamayan Chaupai For peace of disease and nuisance

दैहिक दैविक भौतिक तापा।

राम राज काहूहिं नहि ब्यापा॥

मस्तिष्क की पीड़ा दूर करने के लियेRamayan Chaupai To remove the pain of the brain

हनुमान अंगद रन गाजे। हांक सुनत रजनीचर भाजे।।

प्रभु से क्षमा याचना के लिए चौपाईRamayan Chaupai for apologizing to the Lord

अनुचित बहुत कहेउं अग्याता।

छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।।

अच्छी बुद्धि पाने  के लिए चौपाईRamayan Chaupai To get good intelligence

ताके जुग पद कमल मनावऊं।

जासु कृपा निरमल मति पावऊं।।

बुरी शक्तियों से बचाव के लिए  | Ramayan Chaupai To protect against evil forces

प्रनवउ पवन कुमार खल बन पावक ग्यान धुन।

जासु हृदय आगार बसहि राम सर चाप घर।।

सुख समृधि पाने के लिए  चौपाई  | Ramayan Chaupai to get happiness

जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।

सुख सम्पत्ति नानाविधि पावहिं ।।

वर्षा होने के लिए  चौपाईRamayan Chaupai for rain

सोइ जल अनल अनिल संघाता।

होइ जलद जग जीवनदाता।।

विद्या प्राप्ति के लिए   चौपाई  | RamayanChaupai for attainment of learning

गुरु ग्रह गए पढ़न रघुराई।

अलपकाल विद्या सब आई।।

अकाल मृत्यु से बचाव के लिए चौपाई | | RamayanChaupai to prevent premature death

नाम पाहरू दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट।

लोचन निज पद जंत्रित प्रान केहि बात।।

शत्रु को मित्र बनाने के लिए चौपाई  | RamayanChaupai to make an enemy friend

गरल सुधा रिपु करहि मिताई।

गोपद सिंधु अनल सितलाई।।

Ramayan Chaupai in hindi

1 मंगल भवन अमंगल हारी

द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी

जो मंगल करने वाले है और अमंगल हो दूर करने वाले है , वो दशरथ नंदन श्री राम है वो मुझपर अपनी कृपा करे।

2 जे सकाम नर सुनहि जे गावहि।

सुख संपति नाना विधि पावहि ।।

धन संपत्ति प्राप्त करना अब हर कोई चाहता है, यदि आपकी भी ऐसी ही कामना है तो ऐसे में आप इसे पढ़ सकते हैं।

Ramayan ki chaupai

2 जेहि पर कृपा करहिं जन जानि।

कवि उर अजिर नचावहिं वानी॥

मोरि सुधारहिं सो सब भांति।

जासु कृपा नहिं कृपा अघाति

ऐसे अनेक उदाहरण मिलते हैं जो पाठशाला नही गए और ना ही किसी गुरुकुल में उन्होंने वेदों का ज्ञान अर्जित किया,
किंतु उनके रचित दोहा, चैपाई, ग्रंथ आज विद्वानों द्वारा पढ़े जाते हैं।
अतः विद्या के लिए आप इसे पढ़ सकते हैं। इससे आपको पढ़ाई में अवश्य ही सफलता मिलेगी।

Ram chaupai

3 बिस्व भरण पोषन कर जोई।

ताकर नाम भरत जस होइ ।।

शिक्षा प्राप्त करने के बाद जीवन की सबसे बड़ी जरूरत होती है।
नौकरी, जिसे पाना भी सभी के लिए संभव नही। अतः इसे पढ़ना आपके लिए लाभकारी होगा।

रामायण चौपाई

4 तब जनक पाइ वशिष्ठ आयसु ब्याह साजि संवारि कै।

मांडवी श्रुतकीरति उर्मिला, कुँअरि लई हँकारि कै॥

वेद, पुराणों में विवाह को एक पवित्र संस्कार माना गया है,
जिनके भी विवाह में बाधा रही है उन्हें इसे पढ़ना चाहिए।

Ramayan ki chopaiyan

5 स्याम गौर सुंदर दोउ जोरी।

निरखहिं छबि जननीं तृन तोरी।।

यदि किसी को नजर लग गई है तो आप इसे पढ़ सकते हैं।
माना जाता है कि इससे पीड़ित को जल्दी ही राहत मिलती है।

Ramayan chaupaiyan

6 सुमिरि पवनसुत पावन नामू।

अपनें बस करि राखे रामू।।

इससे बजरंगबली की कृपा प्राप्त होती है। भगवान राम का जहां भी स्मरण होता है।
जो भी व्यक्ति राम का भक्त होता है बजरंगबली उसकी प्रार्थना जल्दी ही सुन लेते हैं।

Very touching chaupai

7- किए चरित पावन परम प्राकृत नर अनूरूप।।

जथा अनेक वेष धरि नृत्य करइ नट कोइ

सोइ सोइ भाव दिखावअइ आपनु होइ सोइ ।।

mangal bhawan amangal hari chaupai

8 होइहि सोइ जो राम रचि राखा

को करे तरफ़ बढ़ाए साखा।।

वही होगा जो भगवान श्री राम ने पहले से ही रच रखा है |हमारे कुछ करने से वो बदल नही सकता।

मंगल भवन अमंगल हारी चौपाई

9 धीरज धरम मित्र अरु नारी

आपद काल परखिये चारी।।

बुरे समय में यह चार चीजे हमेशा परखी जाती है , धैर्य , मित्र , पत्नी और धर्म

Ramayan Chaupai in hindi with meaning

10 जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू

सो तेहि मिलय कछु सन्देहू।।

सत्य को कोई छिपा नही सकता , सत्य का सूर्य उदय जरुर होता है।

Sunderkand chaupai in hindi

11 जाकी रही भावना जैसी,

प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।।

जिनकी जैसी प्रभु के लिए भावना है उन्हें प्रभु उसकी रूप में दिखाई देते है।

12 रघुकुल रीत सदा चली आई

प्राण जाए पर वचन जाई।।

रघुकुल परम्परा में हमेशा वचनों को प्राणों से ज्यादा महत्व दिया गया है।

Ramayan chaupai

13 हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता

कहहि सुनहि बहुविधि सब संता।।

प्रभु श्री राम भी अंनत हो और उनकी कीर्ति भी अपरम्पार है, इसका कोई अंत नही है। बहुत सारे संतो ने प्रभु की कीर्ति का अलग-अलग वर्णन किया है।

 

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